समर्थ योजना क्या है ? इसके लिए आवेदन कैसे करें ? इससे रोजगार की क्या संभावनाएं हैं ?



इस नई योजना का विस्‍तृत उद्देश्‍य कताई और बुनाई को छोड़कर वस्‍त्र क्षेत्र की समूची उपयोगिता श्रृंखला को शामिल करते हुए वस्‍त्र क्षेत्र में युवाओं को लाभकारी और निरंतर रोजगार प्रदान करने के लिए कौशल प्रदान करना है, जिससे रोजगार का व्यापक निर्माण होगा।




समर्थ योजना मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत जरूरतमंद लोगों को विभिन्न प्रकार के वस्त्र उत्पादन के गुर एवं उससे जुड़े कार्यों के प्रबन्धन के हुनर सिखाये जा रहे हैं, ताकि लोग वस्त्र उद्योग के कामों को दक्षता पूर्वक सीखकर इस इंडस्ट्री में जान फूंक सकें। इससे न केवल वैश्विक वस्त्र कारोबार में भारत की व्यावसायिक हिस्सेदारी बढ़ेगी, बल्कि इसका फायदा आमलोगों को भी मिलेगा।

 


बता दें कि केंद्र सरकार ने लोगों को 'समर्थ' बनाने के लिए 18 राज्यों के साथ एमओयू साइन किया है, जिसके तहत सभी राज्यों के 4 लाख लोगों को वस्त्र उद्योग से जुड़े हुनर सिखाए जाएंगे। इस योजना में निम्नलिखित 18 राज्य शामिल हैं, जिनमें अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, केरल, मिजोरम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, कर्नाटक, ओडिशा, मणिपुर, हरियाणा, मेघालय, झारखंड और उत्तराखंड प्रमुख हैं। 

 

इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी लाभार्थियों को वस्त्र क्षेत्र से जुड़े विभिन्न कामकाजों में नौकरियां दी जाएंगी। वस्त्र से जुड़े जिन क्षेत्रों में लोगों को कुशल बनाया जाएगा, उनमें तैयार परिधान, बुने हुए कपड़े, धातु हस्तकला, हथकरघा, हस्तकला और कालीन आदि शामिल हैं। 

 

समर्थ योजना की दमदार विशेषताओं से पीएम मोदी के सपने को लगेंगे पंख

 

अमूमन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमेशा से ही यह प्रयास रहा है कि नए भारत में हम यह सुनिश्चित करें कि आजीविका की इच्छा रखने वाला हर नागरिक कुशल और दक्ष हो। चूंकि वस्त्र क्षेत्र में काम करने वालों में 75 प्रतिशत महिलाएं हैं और पीएम की मुद्रा योजना में भी 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। इसलिए राज्यों के प्रतिनिधियों को केंद्र सरकार की ओर से स्पष्ट सन्देश दिया गया है कि महिलाओं के लिए जिलेवार सिलाई अवसर उपलब्ध कराने की कोशिश करें, इस पवित्र उद्देश्य में सफलता मिलेगी। वास्तव में, वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी काफी कम है और वस्त्र क्षेत्र में रोजगार सृजित करने की काफी संभावनाएं हैं। एक आंकड़े के मुताबिक, वस्त्र उद्योग में 16 लाख कुशल कामगारों की कमी है, जिसके मद्देनजर अगले तीन साल में 10 लाख और लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। 

 

समर्थ योजना के लाभ हैं अनगिनत, क्षमता बढ़ाइए मुनाफा कमाइए

 

इस योजना के अनगिनत लाभ हैं:- पहला, लोगों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि सभी लोग अपने-अपने कामों में दक्ष बनें और अच्छे से अपने अपने कार्य की प्रक्रिया को पूरी करके आगे बढ़ें। दूसरा, काम में हस्तकला, कालीन, बुने कपड़े, तैयार पोशाकें और हथकरघा को शामिल किया गया है, जिनमें महिलाएं विशेष दक्षता रखती हैं। इन कार्यों में सभी कलाएं दक्षता रखती हैं। तीसरा, लोगों को प्रशिक्षण के बाद नौकरियां प्रदान की जा रही हैं, जिससे देश-प्रदेश में रोज़गार के अवसर बढ़ रहे हैं। इससे बेरोज़गारी की समस्या में भी कमी आएगी और लोगों का सरकार की तरफ से गलत नजरिया बदलेगा।

 

कहना न होगा कि इस योजना के तहत सभी लोग एक छत के नीचे काम करेंगे और एक दूसरे की बात को अच्छे से समझेंगे भी। सभी को एक दूसरे के काम करने का तरीका ज्ञात होगा, जिससे सभी लोग कुछ न कुछ नया सीखेंगे। इस योजना से महिलाओं को आमदनी का जरिया भी मिलेगा। इससे महिला सशक्तिकरण होगा और उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। एक अनुमान के मुताबिक, अगले 3 साल के अंतर्गत 10 लाख तक लोगों को प्रशिक्षण मिलेगा, फिर उनकी कुशलता को प्रमाण पत्र मिलेगा। आगे जाकर इस योजना में और भी लोगों को हिस्सा बनाया जायेगा ताकि हर कोई समय बर्बाद करने की जगह प्रशिक्षण के ज़रिये अपने अपने काम को कुशलतापूर्वक पूरा कर सके।

 

इस योजना के मुताबिक, वस्त्र कारोबार से जुड़े सभी कौशल को एक सुनिश्चित समय सीमा के भीतर सीखने के बाद सभी तैयार और प्रशिक्षित लोगों को नौकरी प्रदान की जायेगी। यह सभी नौकरी केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जायेगी। विभागीय केंद्रीय मंत्री द्वारा निर्धारित योजना के मुताबिक 75 प्रतिशत महिलाएं इस योजना से लाभ उठा सकेंगी। इसलिए उन्होंने महिलाओं को ज़्यादा से ज़्यादा भाग लेने के लिए प्रेरित भी किया है।

 

वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण योजना 'समर्थ' के तहत 10 लाख लोगों को मिलेगा 3 साल में प्रशिक्षण

 

बता दें कि स्किल इंडिया मिशन के अंतर्गत वस्‍त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण योजना- 'समर्थ' के बारे में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 20 दिसंबर, 2017 को इस योजना को मंजूरी दी थी। जिसका उद्देश्य वस्त्र संचालित क्षेत्रों में नौकरियों को बनाने में उद्योग के प्रयासों को प्रोत्साहित करने और पूरक करने के लिए मांग संचालित, नियुक्ति उन्मुख राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) अनुपालन स्किलिंग कार्यक्रम प्रदान करना है। यह रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ 3 साल (2017-20) की अवधि के दौरान 10 लाख लोगों (पारंपरिक क्षेत्र में 9 लाख और गैर पारंपरिक क्षेत्र में 1 लाख) को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखता है।

 

इस योजना के तहत प्रशिक्षण के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए बॉयोमीट्रिक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, सरकार वास्तविक समय उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) के साथ एकीकृत उपस्थिति प्रणाली भी तैयार कर रही है। 

 

वैश्विक कपड़ा कारोबार में चीन के मुकाबले भारत को आगे बढ़ाने में कारगर साबित होगी समर्थ योजना

 

इस नई योजना का विस्‍तृत उद्देश्‍य कताई और बुनाई को छोड़कर वस्‍त्र क्षेत्र की समूची उपयोगिता श्रृंखला को शामिल करते हुए वस्‍त्र क्षेत्र में युवाओं को लाभकारी और निरंतर रोजगार प्रदान करने के लिए कौशल प्रदान करना है, जिससे रोजगार का व्यापक निर्माण होगा। इससे चाइनीज बाजार में आई गिरावट के कारण बाजार को कैप्चर करने में भारत को मदद मिलेगी। यह महिलाओं के सशक्तिकरण में मदद करेगा क्योंकि महिलाएं कपड़ा क्षेत्र का विस्तार करने की हुनर रखती हैं।

 

समर्थ योजना के लिए आवेदन कैसे करें? 

 

इस योजना के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरह से आवेदन किया जा सकता है। इसके वास्ते आवेदन के लिए विस्तृत जानकारी नीचे दी गई आधिकारिक वेबसाइट से ली जा सकती है। यहां पर उपलब्ध नोटिफिकेशन लिंक से अन्य सूक्ष्म जानकारी भी ली जा सकती है। 

 

इसके अलावा, किसी भी दुविधा की स्थिति में निम्नलिखित समर्थ हेल्पलाइन नंबर से भी आप कांटेक्ट कर सकते हैं:- 1800-258-7150. आपकी सुविधा के लिए यहां ईमेल पता Email: nmcc-mot@nic.in भी दिया गया है। 

 

इस योजना के अंतर्गत उपलब्ध कोर्सों/मॉड्यूल्स की सूचीबद्ध जानकारी आपको नीचे दिए हुए वेबसाइट पते से अवश्य मिल जाएगी। लिहाजा, यदि आप समर्थ योजना में रुचि रखते हैं तो इसकी अधिसूचना अवश्य पढ़ें, जिसमें इसके प्रत्येक पहलु की विस्तारपूर्वक जानकारी हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट है: samarth-textiles.gov.in

 

-कमलेश पांडे

(वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार)